Women who are natives of Bihar will get reservation in government jobs – Nitish government has given approval
बिहार सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरी में सशक्त बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 43 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% क्षैतिज आरक्षण देने का है।
मुख्य बिंदु
बिंदु | विवरण |
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निर्णय | बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35% क्षैतिज आरक्षण |
लागू होने की स्थिति | राज्य की सभी सरकारी सेवाओं में |
कैबिनेट बैठक | 9 जुलाई 2025, सुबह 10:30 बजे, पटना |
कुल प्रस्ताव | 43 प्रस्तावों को मंजूरी |
अन्य प्रमुख निर्णय | युवा आयोग का गठन, दिव्यांग अभ्यर्थियों को आर्थिक सहायता |
क्या है 35% आरक्षण का फैसला?
बिहार की नीतीश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा की है। इस प्रस्ताव को 9 जुलाई 2025 को आयोजित राज्य कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई।
यह आरक्षण हर स्तर पर सभी प्रकार की सीधी नियुक्तियों में लागू होगा। इसका सीधा लाभ बिहार की बेटियों और महिलाओं को मिलेगा। बाहरी राज्यों की महिलाएं इस आरक्षण की पात्र नहीं होंगी।
43 प्रस्तावों पर लगी कैबिनेट की मुहर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुल 43 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। यह निर्णय कई विभागों से संबंधित थे, जिनमें प्रमुख हैं:
समाज कल्याण विभाग
सामान्य प्रशासन विभाग
पंचायती राज विभाग
पथ निर्माण विभाग
कृषि विभाग
महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है यह आरक्षण?
बिहार में आज भी ग्रामीण इलाकों की महिलाएं शिक्षा, नौकरी और सामाजिक पहचान की दौड़ में पीछे हैं। इस फैसले से लाखों लड़कियों को:
सरकारी नौकरी पाने में प्राथमिकता मिलेगी
सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण होगा
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम होगा
बिहार में बनेगा ‘युवा आयोग’
नीतीश सरकार ने युवाओं के हित में भी एक अहम फैसला लिया है। अब बिहार में ‘युवा आयोग’ का गठन किया जाएगा। यह आयोग:
युवाओं की समस्याओं को सुनेगा
रोजगार, शिक्षा, कौशल विकास पर नीति बनाएगा
युवा नेतृत्व को बढ़ावा देगा
इस आयोग की घोषणा खुद सीएम नीतीश कुमार ने की।
दिव्यांग अभ्यर्थियों को आर्थिक सहयोग
राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए बड़ी राहत दी है।
योजना का नाम:
मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना संबल
लाभ किसे मिलेगा:
पिछड़ा वर्ग
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
सामान्य वर्ग के दिव्यांग अभ्यर्थी
क्या मिलेगा:
चरण | सहायता राशि |
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प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर | ₹50,000 |
मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार की तैयारी हेतु | ₹1,00,000 |
यह सहायता सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए है। हालांकि, पुरुष दिव्यांगों को कुछ शर्तों के तहत यह सहायता नहीं मिलेगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य क्या है?
बिहार सरकार का यह कदम समावेशी और सशक्त समाज की ओर बढ़ाया गया प्रयास है। यह नीतियां:
महिलाओं को सरकारी नौकरी में भागीदारी देंगी
दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर देंगी
युवाओं के लिए राज्य स्तर पर नई नीतियां गढ़ेंगी
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला बिहार में जेंडर इक्वालिटी की दिशा में एक बड़ा मोड़ है। इससे महिला भागीदारी बढ़ेगी और राज्य की सामाजिक रचना में संतुलन आएगा।
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बिहार युवा आयोग गठन
निष्कर्ष:
बिहार सरकार द्वारा महिलाओं और युवाओं के लिए लिए गए फैसले सामाजिक और प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। 35% आरक्षण से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य ने ठोस कदम उठाया है।
साथ ही दिव्यांग और युवा वर्ग को मिली राहत राज्य के सर्वांगीण विकास की गवाही देती है।
Disclaimer:
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी सरकारी और मीडिया स्रोतों पर आधारित है। कृपया आधिकारिक वेबसाइट या विभाग से पुष्टि कर लें। लेखक किसी भी प्रकार की गलत सूचना के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।