CBSE New Rule 2025: पहली से 10वीं तक के छात्रों के लिए बड़ा बदलाव, अब सभी के लिए अनिवार्य हुआ आर्ट इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट
CBSE New Rule 2025 in Hindi: अगर आप CBSE स्कूल में कक्षा 1 से 10वीं तक पढ़ते हैं या आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने सत्र 2025-26 से कक्षा 1 से 10वीं तक के लिए आर्ट इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट को अनिवार्य कर दिया है। अब हर स्कूल को यह प्रोजेक्ट ‘Kala Setu Portal’ पर अपलोड करना होगा, वरना कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा।
🎨 क्यों लागू हुआ नया नियम?
यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत उठाया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में क्रिएटिविटी, संस्कृति की समझ और प्रैक्टिकल लर्निंग को बढ़ावा देना है। बोर्ड का मानना है कि कला के ज़रिए पढ़ाई करने से बच्चों की विषयों के प्रति समझ बेहतर होती है और उनमें आत्म-अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित होती है।
📌 CBSE Art Integrated Project 2025 – मुख्य बातें
| विशेष बिंदु | विवरण |
|---|---|
| लागू करने की तिथि | सत्र 2025-26 से |
| कक्षा | 1 से 10 तक सभी छात्रों के लिए |
| अनिवार्यता | बिना प्रोजेक्ट अपलोड किए 10वीं का एडमिट कार्ड नहीं मिलेगा |
| अपलोड पोर्टल | Kala Setu Portal |
| उद्देश्य | कला और संस्कृति के ज़रिए लर्निंग को मज़ेदार बनाना |
| किसके लिए क्या? | कक्षा 9-10: विषय गहनता के लिए कक्षा 1-8: विषय समझ के लिए |
| प्रोजेक्ट आधार | संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की कला और संस्कृति |
| विशेष निर्देश | पर्यावरण-अनुकूल, कम लागत, स्थानीय संसाधनों का उपयोग, माता-पिता पर आर्थिक भार नहीं |
🌍 “Ek Bharat Shreshtha Bharat” योजना के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की जोड़ियां
CBSE ने प्रोजेक्ट को अधिक रोचक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए हर राज्य को किसी एक केंद्र शासित प्रदेश या अन्य राज्य के साथ जोड़ा है। नीचे देखें कौन से राज्य किसके साथ जुड़े हैं:
| राज्य | साथ में जोड़ा गया राज्य/केंद्र शासित प्रदेश |
|---|---|
| जम्मू-कश्मीर | गुजरात |
| पश्चिम बंगाल | तमिलनाडु |
| छत्तीसगढ़ | केरल |
| हिमाचल प्रदेश | दादरा नगर हवेली, दमन दीव |
| उत्तराखंड | पुदुचेरी |
| तेलंगाना | झारखंड |
| राजस्थान | नागालैंड |
| महाराष्ट्र | सिक्किम |
| गोवा | मेघालय |
| दिल्ली | लक्षद्वीप, अंडमान निकोबार |
| मध्य प्रदेश | बिहार |
| चंडीगढ़ | त्रिपुरा, मिजोरम |
| असम | आंध्र प्रदेश |
| उत्तर प्रदेश | अरुणाचल प्रदेश |
| हरियाणा | मणिपुर |
| कर्नाटक | लद्दाख |
| ओडिशा | पंजाब |
🧠 इससे छात्रों को क्या मिलेगा?
क्रिएटिविटी में इज़ाफा: बच्चे भारतीय कला, नृत्य, संगीत, पेंटिंग जैसे रूपों से जुड़ेंगे।
संस्कृति की समझ: दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की परंपरा और कला से परिचय होगा।
पढ़ाई में रुचि: विषयों को सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि कला के ज़रिए समझने में मदद।
बिना तनाव के लर्निंग: एग्जाम के बोझ से हटकर सीखने का नया तरीका।
नेशनल इंटीग्रेशन: “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का विकास।
🏫 स्कूलों के लिए जरूरी निर्देश
हर स्कूल को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रोजेक्ट स्थानीय सामग्री से, कम लागत में और पर्यावरण के अनुकूल हो।
छात्रों या अभिभावकों पर किसी तरह का अतिरिक्त आर्थिक दबाव न आए, इसका विशेष ध्यान रखना होगा।
Kala Setu Portal पर प्रोजेक्ट समय रहते अपलोड करना अनिवार्य है।
📝 छात्रों के लिए सुझाव
जिस राज्य से आप हैं, उससे जुड़ी कला का अध्ययन करें।
उस राज्य से जोड़ी गई केंद्र शासित प्रदेश की संस्कृति की जानकारी भी जुटाएं।
प्रोजेक्ट में पेंटिंग, कोलाज, मॉडल, वीडियो या संगीत किसी भी माध्यम से अपनी कला को प्रदर्शित करें।
टीमवर्क के ज़रिए ग्रुप प्रोजेक्ट भी कर सकते हैं।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. क्या प्रोजेक्ट सभी छात्रों के लिए जरूरी है?
हां, कक्षा 1 से 10 तक के सभी छात्रों के लिए यह अनिवार्य है।
Q. क्या 10वीं का एडमिट कार्ड प्रोजेक्ट के बिना मिलेगा?
नहीं, जब तक स्कूल Kala Setu Portal पर प्रोजेक्ट अपलोड नहीं करता, CBSE एडमिट कार्ड जारी नहीं करेगा।
Q. प्रोजेक्ट कैसे बनाएं?
आप अपने राज्य और उससे जोड़े गए दूसरे राज्य की कला को मिलाकर पेंटिंग, स्केच, मॉडल, थियेटर, नृत्य आदि के रूप में बना सकते हैं।
📢 निष्कर्ष (Conclusion)
CBSE द्वारा लागू किया गया यह नया नियम बच्चों के समग्र विकास (holistic development) की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल उन्हें कला के माध्यम से सीखने का अवसर देगा, बल्कि भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी समझने में मदद करेगा। अगर इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
⚠️ डिस्क्लेमर:
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और CBSE की आधिकारिक सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया है। छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम पुष्टि के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट या अपने संबंधित स्कूल से संपर्क करें।
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